निर्दोष लगभग चार साल से जेल में है बंद
(जितेन्द्र विश्वकर्मा)
फतेहपुर। फर्जी मुकदमा दर्ज कराना है तो शातिर बाप-बेटे से मिलिए क्योंकि इन्हें इस काम मे महारत हासिल है। फर्जी मुकदमे दर्ज कराने के लिए बाकायदा रेट निर्धारित है। यहां उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। एक महिला के साथ अधेड़ ने शराब के नशे में दुष्कर्म किया। महिला ने आरोपी पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया तो आरोपी ने सुलह का दबाव बनाया। विरोध करने पर आरोपी ने उल्टा ही पीड़िता के पति पर ही रेप का फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया। पीड़िता का निर्दोष पति करीब चार साल से जेल में बंद है। यह कोई पहला फर्जी मुकदमा नही है।
मामला थरियांव थाना क्षेत्र के एक गांव निवासिनी महिला ने एसपी को शिकायती पत्र देकर बताया कि साल 2014 में गांव का ही रामचंद्र ने उसके साथ बलात्कार किया। जिसका मुकदमा महिला ने स्थानीय थाने में दर्ज कराया था। मुकदमे में आरोपी युवक और उसका बेटा ओमप्रकाश सुलह का दबाव बना रहे थे। जिसका महिला और उसके पति ने विरोध किया तो शातिरों ने उल्टा पुलिस की सेटिंग गेटिंग से पड़िता के पति पर ही एक दलित महिला के साथ रेप का फर्जी मुकदमे में फंसा दिया। जिसके बाद से पीड़िता का पति करीब चार वर्षों से जेल में बंद है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि जिस पुलिस पर जनता को न्याय दिलाने का जिम्मा है वही दोषी को आरोपी बनाकर जेल भिजवा दिया। जिससे पुलिस की छवि धूमिल हुई और एक निर्दोष सलाखों के पीछे चला गया। साथ ही पीड़िता और उसके मासूम बच्चे भूखे प्यासे दर-दर की ठोकरें खा रहे है।
पत्नी और मासूम बच्चे दर-दर की ठोकरें खाने कों मजबूर
जलसाज बाप बेटों के दहशत से पीड़िता, उसकी सास और उसके मासूम बच्चे कई साल पहले घर छोड़कर खागा कोतवाली के एक गांव में दर-दर की ठोकरे खा रहे है। वही मामले में थरियाव थाना प्रभारी आशुतोष सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में है। जांच की जा रही है।