Tuesday, September 26, 2023
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शबे बरात और होली एक दूसरे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए मनाएं ‌: मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी

फलाहे इन्सानियत कमेटी कानपुर ने बैठक के बाद जारी की गाइडलाइन
सुहैल आफताब,समय व्यूज,कानपुर।
कानपुर, 06 मार्च।

शबे बरात और होली के सिलसिले में फलाहे इन्सानियत कमेटी कानपुर की महत्वपूर्ण मीटिंग पटकापुर मैं आहुत हुई, जिसमें कमेटी के अध्यक्ष व जमीयत उलेमा कानपुर नगर के सचिव मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी इमाम मस्जिद नूर पटकापुर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि इस साल 07 मार्च को शबे बरात और होली एक ही दिन है। यह दोनों अवसर मुसलमानों और हिन्दुओं के लिए एहतराम और आस्था के होते हैं। मुसलमान शबे बरात का विशेष एहतिमाम करते हैं। इसी तरह वह अपने मरहूम रिश्तेदारों की मग़फि़रत की दुआ के लिए और ईसाले सवाब के लिए शबे बरात को क़ब्रिस्तान जाते हैं। होली का त्यौहार हिन्दू भाईयों के लिए बहुत खुशी व मसर्रत का होता है ‌। पिछले साल ऐसा हो चुका है कि शबे बरात और होली का त्यौहार पड़ा था और दोनों ही समुदाय ने समझदारी का सुबूत पेश करते हुए अमन और शान्ति के साथ दोनों त्यौहार मनाया था लिहाज़ा उसी तरह इस साल भी एक दूसरे के मज़हबी जज़्बात का ख़्याल व लिहाज़ करते हुए त्यौहार मनायें । हम सब संयुक्त समाज में रहते हैं। हम गंगा जमुनी सभ्यता के पैरवी करने वाले हैं। हम सब भाईचारे, राष्ट्रीय एकता और धार्मिक रवादारी पर अमल करते हैं। हमको चाहिए कि इस बार भी समझदारी से काम लेते हुए अपने अमल से यह साबित करें कि हम सब अमन पसन्द और कानून का सम्मान करने वाले हैं।
मुफ्ती इज़हार मुकर्रम क़ासमी ने शबे बरात और होली के सिलसिले मैं शबे बरात और होली को देखते हुए अवाम से अपील करते हुए कहा कि देश की गंगा जमुनी सभ्यता और रिवायत का ख्याल करते हुए एक दूसरे के धार्मिक जज्बात का ख्याल रखें। शबे बरात में मुसलमान अपने मरहूम रिश्तेदारों के ईसाले सवाब के लिए कब्रस्तिान जाते हैं वह शाम 5 बजे के बाद ही जायें।
शबे बरात इबादत की रात है इस अवसर पर आतिशबाजी बिलकुल न करें। इस अवसर पर भी गरीब और जरूरतमन्दों की मदद करके अपने मरहूमीन को सवाब पहुंचाने की कोशिश करें। इस रात में अपने घर वालों की हिफाजत के साथ साथ पूरे देश की हिफाजत, तरक़्की व अमन व शान्ति के लिए भी दुआओं का एहतिमान करें। अंत में मौलाना ने इस रात तुर्की में आने वाले भयानक ज़लज़ले में मरने वालों के लिए मग़फि़रत की दुआ करें।

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